मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...! मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...!
अपना बचपन याद, आ गया एक बार फिर...! अपना बचपन याद, आ गया एक बार फिर...!
हम खुद से ही ये सवाल हमेशा करते हैं कि क्यों हम बड़े हुये.....? हम खुद से ही ये सवाल हमेशा करते हैं कि क्यों हम बड़े हुये.....?
दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी हूँ दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी ...
Shabd to nahi hai ab mere pass ki is bhavna ko is se jyada saral sabdo mai smajha paun...shayad aap ... Shabd to nahi hai ab mere pass ki is bhavna ko is se jyada saral sabdo mai smajh...
सबसे ख़ूबसूरत थी मेरे बचपन की छोटी सी ज़िन्दगानी सबसे ख़ूबसूरत थी मेरे बचपन की छोटी सी ज़िन्दगानी